Monday 18 April 2011

Facebook - Ek nayi Kahani

फेसबुक 
 
काम वाली बाई 
एक दिन अचानक 
काम पर नहीं आई 
तो पत्नी ने फोन पर डांट लगाईं
अगर तुझे आज नहीं आना था 
तो पहले बताना था 
 
वह बोली -
मैंने तो परसों ही 
फेसबुक पर लिख दिया था क़ि 
एक सप्ताह के लिए गोवा जा रही हूँ 
पहले अपडेट रहो 
फिर भी पता न चले तो कहो
 
पत्नी बोली =
तो तू फेसबुक पर भी है 
उसने जवाब  दिया -
मै तो बहुत पहले से फेसबुक पर हूँ 
साहब मेरे फ्रेंड हैं !
 
बिलकुल नहीं झिझकते हैं 
मेरे प्रत्येक अपडेट पर
बिंदास कमेन्ट लिखते हैं 
मेरे इस अपडेट पर 
उन्होंने कमेन्ट लिखा
हैप्पी जर्नी, टेक केयर,
आई मिस यू, जल्दी आना 
मुझे नहीं भाएगा पत्नी के हाथ का खाना 
 
इतना सुनते ही मुसीबत बढ़ गयी 
पत्नी ने फोन बंद किया 
और मेरी छाती पर चढ़ गयी 
गब्बर सिंह के अंदाज़ में बोली -
तेरा क्या होगा रे कालिया !
मैंने कहा -देवी !
मैंने तेरे साथ फेरे खाए हैं 
वह बोली -
तो अब मेरे हाथ का खाना भी खा !
 
अचानक दोबारा फोन करके 
पत्नी ने काम वाली बाई से 
पूछा, घबराये-घबराए 
तेरे पास गोवा जाने के लिए 
पैसे कहाँ से आये ?
 
वह बोली- सक्सेना जी के साथ 
एलटीसी पर आई हूँ
पिछले साल वर्माजी के साथ 
उनकी कामवाली बाई गयी थी 
तब मै नई-नई थी 
जब मैंने रोते हुए 
उन्हें अपनी  जलन का कारण बताया 
तब उन्होंने ही समझाया 
क़ि वर्माजी की कामवाली बाई के 
भाग्य से बिलकुल नहीं जलना 
अगले साल दिसम्बर में 
मैडम जब मायके जायगी 
तब तू मेरे साथ चलना !
 
पहले लोग कैशबुक खोलते थे 
आजकल फेसबुक खोलते हैं 
हर कोई फेसबुक में बिजी है 
कैशबुक खोलने के लिए कमाना पड़ता है 
इसलिए फेसबुक ईजी है 
 
आदमी कंप्यूटर के सामने बैठकर 
रात-रातभर जागता है 
बिंदास बातें करने के लिए 
पराई औरतों के पीछे भागता है 
 
लेकिन इस प्रकरण से 
मेरी समझ में यह बात आई है 
क़ि जिसे वह बिंदास मॉडल समझ रहा है
वह तो किसी की कामवाली बाई है 
जिसने कन्फ्यूज़ करने के लिए 
किसी जवान सुन्दर लड़की की फोटो लगाईं है 
सारा का सारा मामला लुक पर है 
और अब तो मेरा कुत्ता भी फेसबुक पर है

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